RBI का नया आदेश, चेक बाउंस पर नहीं लगेगा भारी जुर्माना – जानिए नया नियम क्या है

New RBI Rule (RBI का नया नियम) – आज के दौर में डिजिटल ट्रांजैक्शन के बढ़ते चलन के बावजूद, चेक का इस्तेमाल अब भी बड़े लेन-देन और व्यापारिक सौदों में आम है। लेकिन जब कोई चेक बाउंस होता है, तो आम नागरिक से लेकर व्यापारी तक परेशान हो जाते हैं। ऐसे में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने चेक बाउंस से जुड़ा एक नया आदेश जारी किया है, जो आम जनता के लिए राहत की खबर लेकर आया है। अब चेक बाउंस होने पर भारी जुर्माना नहीं लगेगा, लेकिन इसके पीछे कुछ शर्तें और नए नियम भी हैं जिन्हें समझना बेहद जरूरी है।

New RBI Rule क्या कहता है?

रिजर्व बैंक ने यह स्पष्ट किया है कि बैंकों को चेक बाउंस होने की स्थिति में ग्राहकों पर मनमाने तरीके से भारी जुर्माना लगाने की इजाजत नहीं होगी। अब ग्राहक से सिर्फ उतना ही चार्ज लिया जाएगा, जितना बैंक के नियमों और RBI की गाइडलाइन के तहत सही हो।

प्रमुख बिंदु:
  • ग्राहकों को चेक बाउंस पर पहले की तरह ₹300 से ₹500 या उससे अधिक चार्ज नहीं देना पड़ेगा।
  • बैंक अब सिर्फ वाजिब सेवा शुल्क ही ले सकते हैं।
  • सभी बैंक को अपनी वेबसाइट पर स्पष्ट रूप से चार्ज की जानकारी देनी होगी।

पुराने नियमों में क्या दिक्कत थी?

पहले जब किसी का चेक बाउंस होता था, तो बैंक ग्राहक से ₹350 से ₹750 तक चार्ज ले लेते थे। कुछ मामलों में यह राशि ₹1,000 तक भी जा सकती थी। कई ग्राहकों को यह जानकारी ही नहीं होती थी कि यह शुल्क क्यों और कितना लिया गया है।

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मेरी खुद की एक घटना:

पिछले साल मेरे एक जानने वाले व्यापारी मित्र का चेक क्लियर नहीं हुआ था। बैंक ने ₹590 काट लिए, लेकिन जब उन्होंने ब्रांच में जाकर पूछा, तो कोई स्पष्ट उत्तर नहीं मिला। आखिरकार उन्हें बैंक की हेल्पलाइन और ईमेल के ज़रिए कई बार प्रयास करना पड़ा ताकि उन्हें जानकारी मिले। अब RBI के नए नियम से ऐसे ग्राहकों को राहत मिलेगी।

RBI का नया नियम कैसे करेगा आम लोगों की मदद?

यह नियम उन ग्राहकों के लिए बेहद लाभकारी है जिनका मासिक आय सीमित है या जो छोटे व्यापारी हैं। कई बार तकनीकी कारणों से भी चेक क्लियर नहीं हो पाते, ऐसे में भारी जुर्माना एक अतिरिक्त बोझ बन जाता था।

लाभ:
  • ग्राहकों पर अनावश्यक आर्थिक दबाव नहीं पड़ेगा।
  • पारदर्शिता बढ़ेगी – ग्राहकों को पहले से चार्ज की जानकारी मिलेगी।
  • बैंक मनमानी नहीं कर पाएंगे।

किन परिस्थितियों में लगेगा चार्ज?

RBI ने स्पष्ट किया है कि अगर ग्राहक की गलती से चेक बाउंस होता है, तो नाममात्र सेवा शुल्क लिया जा सकता है। लेकिन अगर बैंक की गलती से चेक बाउंस हुआ, तो कोई चार्ज नहीं लिया जाएगा।

उदाहरण:
स्थिति शुल्क लगेगा या नहीं?
ग्राहक के खाते में पैसे नहीं थे हाँ, निर्धारित सेवा शुल्क
बैंक की तकनीकी गड़बड़ी नहीं, कोई शुल्क नहीं
गलत IFSC या अकाउंट डिटेल्स भरे गए हाँ, यदि ग्राहक की गलती है
बैंक ने चेक क्लियरिंग में देरी की नहीं, बैंक जिम्मेदार होगा

छोटे व्यापारियों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए क्या असर?

  • छोटे दुकानदार जो नियमित रूप से सप्लायर्स को चेक से भुगतान करते हैं, उनके लिए यह एक राहत की बात है।
  • वरिष्ठ नागरिक जिनके खाते में कई बार बैलेंस कम रह जाता है, उन्हें भी अब अतिरिक्त शुल्क का डर नहीं रहेगा।
  • ग्रामीण क्षेत्रों में जहां अब भी चेक का उपयोग अधिक है, वहां यह नियम बड़ी राहत साबित होगा।

यह नियम कब से लागू होगा?

RBI का यह आदेश 1 जुलाई 2025 से पूरे देश में सभी बैंकों के लिए लागू होगा। सभी सार्वजनिक और निजी बैंक को इसके पालन की अनिवार्यता है।

ग्राहकों को क्या करना चाहिए?

  • अपने बैंक की वेबसाइट पर जाकर “Service Charges” सेक्शन में जाकर नई दरों को पढ़ें।
  • अगर चेक बाउंस होता है, तो पहले बैंक से कारण स्पष्ट रूप से जानें।
  • मनमाना जुर्माना लगाया जाए तो RBI के पास शिकायत करें।

RBI का यह कदम एक आम ग्राहक के हित में है। यह न केवल बैंकिंग प्रक्रिया को पारदर्शी बनाता है, बल्कि ग्राहकों को अनावश्यक आर्थिक बोझ से भी बचाता है। आज जब हर व्यक्ति अपनी कमाई का हिसाब किताब सोच-समझकर करता है, ऐसे में यह नियम निश्चित रूप से राहत देने वाला है।

मेरे हिसाब से, ये बदलाव हमारे जैसे सामान्य खाताधारकों के लिए बहुत सकारात्मक है। पहले जहां चेक बाउंस पर हमें बिना वजह का जुर्माना भरना पड़ता था, अब कम से कम बैंक को जवाबदेह बनाना संभव होगा। यह नियम हमें अपने अधिकारों के प्रति जागरूक भी करता है।

यदि आपके साथ पहले कभी ऐसा हुआ है, तो अब समय है कि आप अपने बैंक से पूछें कि पुराने नियमों के आधार पर आपसे वसूला गया शुल्क सही था या नहीं। और यदि नहीं, तो रिफंड की मांग भी कर सकते हैं। यह नियम केवल जुर्माने को लेकर नहीं है, बल्कि बैंकिंग सिस्टम को और अधिक जवाबदेह और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक मजबूत कदम है।

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