2025 में बदले प्रॉपर्टी कानून – रजिस्ट्रेशन से जुड़ी ये 4 बातें हर खरीदार को जाननी चाहिए

2025 में प्रॉपर्टी कानून में बदलाव: भारतीय प्रॉपर्टी बाजार में 2025 में कई महत्वपूर्ण बदलाव होने वाले हैं। ये बदलाव, रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए किए जा रहे हैं। हर प्रॉपर्टी खरीदार के लिए यह जानना बेहद जरूरी है कि ये नियम किस प्रकार उनके लेन-देन को प्रभावित करेंगे। इस लेख में हम रजिस्ट्रेशन की चार अहम बातों पर प्रकाश डालेंगे।

प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन में डिजिटल हस्ताक्षर का महत्व

डिजिटल हस्ताक्षर प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए लागू किए जा रहे हैं। अब दस्तावेजों की प्रामाणिकता सुनिश्चित करने के लिए डिजिटल हस्ताक्षर का उपयोग किया जाएगा। इससे न केवल समय की बचत होगी, बल्कि धोखाधड़ी के मामलों में भी कमी आएगी।

डिजिटल हस्ताक्षर के लाभ:

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  • दस्तावेज़ों की सुरक्षा सुनिश्चित होती है।
  • प्रक्रिया में पारदर्शिता आती है।
  • समय की बचत होती है।
  • धोखाधड़ी की संभावना कम होती है।
ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया

2025 में, प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया को बढ़ावा दिया जा रहा है। यह कदम, रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को अधिक सहज और सुलभ बनाने की दिशा में है। अब खरीदार बिना किसी बिचौलिए के सीधे अपने दस्तावेज़ ऑनलाइन जमा कर सकेंगे।

ऑनलाइन प्रक्रिया के फायदे:

  • बिचौलियों की भूमिका कम होती है।
  • उपयोगकर्ता के अनुकूल इंटरफ़ेस।
  • वास्तविक समय में दस्तावेज़ अपलोड।
संपत्ति के वास्तविक मूल्यांकन की अनिवार्यता

एक और महत्वपूर्ण बदलाव संपत्ति के वास्तविक मूल्यांकन की अनिवार्यता है। यह सुनिश्चित करेगा कि रजिस्ट्रेशन के समय संपत्ति का सही मूल्यांकन हो, जिससे सरकार को सही स्टांप ड्यूटी और टैक्स मिल सके।

मूल्यांकन के प्रमुख बिंदु:

  • संपत्ति का सही मूल्यांकन।
  • स्टांप ड्यूटी की सही गणना।
  • टैक्स की सटीकता।
रजिस्ट्रेशन के लिए बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन

रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन को अनिवार्य किया जा रहा है। यह कदम खरीदार और विक्रेता दोनों की पहचान को सत्यापित करने के लिए उठाया गया है।

बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन के लाभ:

  • खरीदार और विक्रेता की पहचान की पुष्टि।
  • फर्जीवाड़े की संभावना में कमी।
  • सुरक्षा में वृद्धि।

प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन शुल्क में बदलाव

संपत्ति का प्रकार नया शुल्क पुराना शुल्क वृद्धि प्रतिशत
आवासीय ₹25,000 ₹20,000 25%
व्यावसायिक ₹50,000 ₹40,000 25%
औद्योगिक ₹1,00,000 ₹80,000 25%

रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में पारदर्शिता

रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए सरकार कई कदम उठा रही है। प्रॉपर्टी दस्तावेज़ों की ऑनलाइन उपलब्धता और रियल-टाइम अपडेट के माध्यम से खरीदारों को अधिक जानकारी मिलेगी।

पारदर्शिता के कदम:

  • ऑनलाइन दस्तावेज़ उपलब्धता।
  • रियल-टाइम अपडेट।
  • खरीदारों के लिए अधिक जानकारी।

प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन कानून के बदलाव

2025 में लागू होने वाले प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन कानूनों में बदलाव खरीदारों के लिए एक नई दिशा स्थापित करेंगे। इन परिवर्तनों के कारण प्रॉपर्टी बाजार अधिक सुरक्षित और पारदर्शी बनेगा।

प्रमुख बदलाव:

  • प्रक्रिया में डिजिटलीकरण।
  • सुरक्षा में वृद्धि।
  • पारदर्शिता में सुधार।

नए कानूनों के संदर्भ में फिजिकल वेरिफिकेशन

वेरिफिकेशन प्रकार लागत समय सीमा
डिजिटल वेरिफिकेशन ₹500 2 दिन
फिजिकल वेरिफिकेशन ₹1000 5 दिन

प्रॉपर्टी कानून में बदलाव के लाभ

नए प्रॉपर्टी कानून के बदलावों से भारतीय रियल एस्टेट सेक्टर में सकारात्मक परिवर्तन आएंगे। खरीदारों की सुरक्षा और पारदर्शिता बढ़ेगी, जिससे निवेशकों का विश्वास बढ़ेगा।

लाभ:

  • निवेशकों का बढ़ता विश्वास।
  • बाजार में स्थिरता।
  • खरीदारों की सुरक्षा।

2025 के लिए प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन के नए नियम

प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन:

नए नियमों के अनुसार, सभी प्रॉपर्टी लेन-देन के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा।

डिजिटल दस्तावेज़:

प्रत्येक लेन-देन में डिजिटल दस्तावेज़ का उपयोग अनिवार्य होगा।

समय पर रजिस्ट्रेशन:

प्रॉपर्टी लेन-देन के 30 दिन के भीतर रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा।

प्रॉपर्टी की सही जानकारी:

सभी दस्तावेजों में प्रॉपर्टी की सही जानकारी अनिवार्य होगी।

ऑनलाइन आवेदन:

रजिस्ट्रेशन के लिए ऑनलाइन आवेदन की सुविधा उपलब्ध होगी।

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